भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
सब संकट टल जाये,
पढ़ो हनुमान चालीसा।।
तर्ज – मिलो ना तुम तो।
जो कोई पढता इसको,
जीता है जग में बड़ी शान से,
जो कोई पढता इसको,
जीता है जग में ऊँची शान से,
मिलती है रहती उसको,
शक्ति भी प्यारे हनुमान से,
बात नहीं है झूटी ये तो,
है ये सच्चा किस्सा,
पढ़ो हनुमान चालीसा,
भूत पिशाच निकट नही आवे,
सब संकट टल जाये,
पढ़ो हनुमान चालीसा।।
इसको विभीषण ने पढ़ा,
पढ़ते थे इसको सियाराम भी,
इसको विभीषण ने पढ़ा,
पढ़ते थे इसको सियाराम भी,
तुम भी पढ़ो ना रे ‘लख्खा’,
बाते है इसमें बड़े काम की,
देश विदेश में चर्चा इसकी,
चर्चा है चारो दिशा,
पढ़ो हनुमान चालीसा,
भूत पिशाच निकट नही आवे,
सब संकट टल जाये,
पढ़ो हनुमान चालीसा।।
आओ सुनाऊं तुम्हे,
भक्ति भगत हनुमान की,
आओ सुनाऊं तुम्हे,
भक्ति भगत हनुमान की,
मोतियन की माला दिए,
खुश होके जब सियाराम जी,
आया ना जब राम नाम तो,
कह दिया हे जय शीशा,
पढ़ो हनुमान चालीसा,
भूत पिशाच निकट नही आवे,
सब संकट टल जाये,
पढ़ो हनुमान चालीसा।।
जब आये संकट भारी,
सुमिरन कर लो हनुमान का,
जब आये संकट भारी,
सुमिरन कर लो हनुमान का,
कष्ट मिटेगा पल में,
ध्यान जो करेगा हनुमान का,
बालाजी का सुमिरन करलो,
होगा स्वर्ग में हिस्सा,
पढ़ो हनुमान चालीसा,
भूत पिशाच निकट नही आवे,
सब संकट टल जाये,
पढ़ो हनुमान चालीसा।।
भूत पिशाच निकट नहीं आवे,
सब संकट टल जाये,
पढ़ो हनुमान चालीसा।।