ना हम किसी के ना कोई हमारा,
झूठे जगत से किया किनारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।।
देख ली तेरी दुनिया सारी,
हुई ना किसी की क्या होगी हमारी,
बहुत देख लिया जगत का नजारा,
ना हम किसी के ना कोईं हमारा,
झूठे जगत से किया किनारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।।
झूठे ये तेरी दुनिया वाले,
मुख जिनके गोरे मन जिनके काले,
होके दुखी मेने तुमको पुकारा,
ना हम किसीके ना कोई हमारा,
झूठे जगत से किया किनारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।।
मतलब के ये रिश्ते नाते,
ना ये यहाँ के ना ये वहां के,
ढूंढ लिया अब तेरा दुवारा,
ना हम किसीके ना कोई हमारा,
झूठे जगत से किया किनारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।।
मुश्किल हुआ तेरी दुनिया में रहना,
बांके बिहारी से ये मेरा कहना,
‘पागल’ को जग में ना भेजो दोबारा,
ना हम किसीके ना कोई हमारा,
झूठे जगत से किया किनारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।।
ना हम किसी के ना कोई हमारा,
झूठे जगत से किया किनारा,
ना हम किसी के ना कोई हमारा।।