भादवै की मस्ती में,
नाचांगा गावांगा,
दादी खोल दे दरवाजो,
म्हें तो केड आवांगा।।
रोली मोली अक्षत मेहंदी,
ल्याया भक्त हजार,
सोणो सोणो गजरो ल्याकर,
रहा हाँ बाट निहार,
छैल छबीलो सथीयो,
थारो म्हें बणावांगा,
ओ दादी खोंल दे दरवाजो,
म्हें तो केड आवांगा।।
ओढ़ चुनरिया लाल सुरंगी,
हरिया मेहंदी हाथ,
भोला ढाला टाबरिया के,
पल पल रहियो साथ,
मीठा-मीठा थाणे दादी,
भजन सुणावांगा,
ओ दादी खोंल दे दरवाजो,
म्हें तो केड आवांगा।।
मावस के दिन धोक लगाते,
करते जय जयकार,
दादी म्हारी कुलदेवी थे,
रखियो खुश परिवार,
‘मधु’ बोले थाणे दादी,
आज रिझावांगा,
ओ दादी खोंल दे दरवाजो,
म्हें तो केड आवांगा।।
लाडु बुंदिया खीर चूरमा,
सागै भुजिया अचार,
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
ल्याया थारै द्वार,
लाड प्यार से थाणे दादी,
म्हें जिमावांगा,
ओ दादी खोंल दे दरवाजो,
म्हें तो केड आवांगा।।
भादवै की मस्ती में,
नाचांगा गावांगा,
दादी खोल दे दरवाजो,
म्हें तो केड आवांगा।।
Singer – Madhu Kedia