मेरे मन में आकर बस जाओ,
महावीर प्रभु जी,
महावीर प्रभु जी,
मुझे सत्य की राह दिखा जाओ,
महावीर प्रभु जी,
महावीर प्रभु जी।।
माना मैं पापी हूँ,
मैंने लाखों पाप किये,
पर तु तो दयालु है,
तूने सारे माफ किये,
इस सारी दुनिया में,
तेरे ही चर्चे है,
उन्हें सुनकर आया हूँ,
मन में संताप लिए,
मेरी बगड़ी आज बना जाओ,
महावीर प्रभु जी,
महावीर प्रभु जी।।
जग सारा देख लिया,
पर समझ न आता है,
जिसे मन अपना समझे,
वही छोड़ के जाता है,
कर्मों का खेल यहां,
बड़ा अज़ब निराला है,
जो जोड़े खोता है,
जो छोड़े पाता है,
मुझे निश्चल हृदय बना जाओ,
महावीर प्रभु जी,
महावीर प्रभु जी।।
मेरे मन में आकर बस जाओ,
महावीर प्रभु जी,
महावीर प्रभु जी,
मुझे सत्य की राह दिखा जाओ,
महावीर प्रभु जी,
महावीर प्रभु जी।।
By – Dr. Rajeev Jain
Senior Scientist, CFSL, Chandigarh
8136086301