बाबा तेरे दर पे,
आना जाना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे,
मैं दीवाना हो गया।।
साँझ सवेरे करूँ आरती,
तेरा ही गुण गाऊ,
तेरे दर्शन पाकर बाबा,
मन ही मन हर्षाउ,
श्याम तेरे भजनों का,
मैं तराना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे,
मैं दीवाना हो गया।।
हर ग्यारस पर दर पे आके,
तुझको शीश नवाया,
बैठ तेरे चरणों में बाबा,
तेरा ध्यान लगाया,
श्याम तेरी ज्योती का,
मैं तराना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे,
मैं दीवाना हो गया।।
तेरी कृपा ऐसी बरसी,
धन्य हुआ मैं बाबा,
धाम तुम्हारा ऐसा लागे,
जेसे काशी काबा,
तेरे रंग मे पागल,
ये जमाना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे,
मैं दीवाना हो गया।।
तेरी रज को शिश लगा कर,
झूम उठा जग सारा,
तेरे प्यार का मिला खजाना,
हो गया वारा न्यारा,
‘रोहित’ तेरी मस्ती में,
मस्ताना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे,
मैं दीवाना हो गया।।
बाबा तेरे दर पे,
आना जाना हो गया,
मैं दीवाना हो गया रे,
मैं दीवाना हो गया।।
गायक / प्रेषक – अविनाश शर्मा।
9772861742