लाडो तुम ही हो मम भाग्य,
मम भाग्य,
लाडो तुम ही हों मम भाग्य,
सुखी रहो निज,
प्रियतम के संग,
नित नित खेलो फाग,
श्यामा प्यारी,
नित नित खेलो फाग,
लाडो तुम ही हों मम भाग्य।।
श्री गोपाल हित,
प्राणन प्यारी,
नव नव गावो राग,
मेरी श्यामा प्यारी,
नव नव गावो राग,
लाडो तुम ही हों मम भाग्य।।
गहवर वन तोहे ढ़ूंढ़त डोलूं,
कब बढ़ीहे अनुराग,
मेरी श्यामा प्यारी,
कब बढ़ीहे अनुराग,
लाडो तुम ही हों मम भाग्य।।
राधा राधा कह कह डोलूं,
ये ही लग रही लाग,
मेरी श्यामा प्यारी,
ये ही लग रही लाग,
लाडो तुम ही हों मम भाग्य।।
संतन को संग सदा ही दीजो,
सब सुख साज समाज,
मेरी श्यामा प्यारी,
सब सुख साज समाज,
Bhajan Diary Lyrics,
लाडो तुम ही हों मम भाग्य।।
लाडो तुम ही हो मम भाग्य,
मम भाग्य,
लाडो तुम ही हों मम भाग्य,
सुखी रहो निज,
प्रियतम के संग,
नित नित खेलो फाग,
श्यामा प्यारी,
नित नित खेलो फाग,
लाडो तुम ही हों मम भाग्य।।
स्वर – बृज रस अनुरागी पूनम दीदी।
Bahut sunder Bhajan