भजीयो राम भरोसो आयो,
गुरुजी म्हाने बेगम देश बतायो,
गुरुजी म्हाने बैगम देश बतायो।।
तीन पांच पस्सीस प्रगति,
स्थूल शरीर बणायो,
तीन पांच री करो पारखा,
सुखशम धाम बसायो,
गुरुजी म्हाने बैगम देश बतायो।।
नाभी कंवल में श्वास री सड़कें,
हिरधा कंवल में जमायो,
कंठ कंवल में हंसा रो वासो,
मुख कंवल वेने आयो,
गुरुजी म्हाने बैगम देश बतायो।।
वंकनाल वैराग्य भंवरों,
शुन सक्कर में समावे,
गिघन मंडल में घड़ियालों वाजे,
गुरु म्हाने शब्द सुणावे,
गुरुजी म्हाने बैगम देश बतायो।।
गुरु प्रभनाथ पुरा मिलीया,
भिन्नभिन्न कर समजायो,
नैन नाथजी शरणो में लोटे,
गुरु म्हाने गैलो बतायो।।
भजीयो राम भरोसो आयो,
गुरुजी म्हाने बेगम देश बतायो,
गुरुजी म्हाने बैगम देश बतायो।।
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