म्हारा माँ गौरी का लाल,
गजानंद आंगन आया जी,
आँगन आया जी गजानंद,
आंगन आया जी,
म्हारा माँ गौरी का लाल,
गजानन्द आँगन आया जी।।
पान चड़ाऊ फूल चड़ाऊ,
और चड़ाऊ मेवा जी,
लडूवन का तो भोग लगाऊं,
श्री गणराया जी,
म्हारा माँ गौरी का लाल,
गजानन्द आँगन आया जी।।
रिद्धि मनाऊं सिद्धि मनाऊं,
और मनाऊं माँ गौरा जी,
शिव शंकर का ध्यान लगाऊं,
प्रथमे ध्यावा जी,
म्हारा माँ गौरी का लाल,
गजानन्द आँगन आया जी।।
द्वार सजावा कलश सजावा,
बंदनवार लगावां जी,
धूप दीप और करा आरती,
मंगल गावां जी,
म्हारा माँ गौरी का लाल,
गजानन्द आंगन आया जी।।
म्हारा माँ गौरी का लाल,
गजानंद आँगन आया जी,
आंगन आया जी गजानंद,
आंगन आया जी,
म्हारा माँ गौरी का लाल,
गजानन्द आँगन आया जी।।
गायक / प्रेषक – गणेश राजपूत।
9009204035
https://youtu.be/8eBEmbzgACI