श्री बांके बिहारी लाल गोपाल,
मन रखियो अपने चरणन मे,
मन रखियो अपने चरणन मे,
तन रखियो श्री व्रँदावन मे।।
तेरे शीश पे मुकुट विराज रहा,
कानो मे कुंडल साज रहा,
तेरे गल वेजँति माल, गोपाल,
मन रखियो अपने चरणन मे।।
तेरे नैनौ मे सूरमा साज रहा,
तेरे मुख मे बीड़ा राज़ रहा,
तेरी थोडी मे हीरा लाल, गोपाल,
मन रखियो अपने चरणन मे।।
तेरे हाथ लकुटिया राज़ रही,
पेरौ मे पायलीया बाज रही,
तेरी मुरली करे निहाल,गोपाल,
मन रखियो अपने चरणन मे।।
श्री बांके बिहारी लाल गोपाल,
मन रखियो अपने चरणन मे,
मन रखियो अपने चरणन मे,
तन रखियो श्री व्रँदावन मे।।
bahut sundar bhajan