मेरे घर के आगे श्याम तेरा,
एक मंदिर बन जाये,
जब खिड़की खोलूं तो तेरा,
दर्शन हो जाये।।
जब होगी आरती तेरी,
मुझे घंटी सुनाई देगी,
मुझे रोज सवेरे तेरी,
बस सूरत दिखाई देगी,
जब भजन करे कोई,
जब भजन करे कोई,
मुझको भी सुन जाये,
जब खिड़की खोलूं तो तेरा,
दर्शन हो जाये।।
नजदीक रहेंगे दोनों,
तो आना जाना होगा,
मेरे कान्हा हम दोनों का,
बस एक ठिकाना होगा,
तुम सामने हो मेरे,
तुम सामने हो मेरे,
मेरा दम ही निकल जाये,
जब खिड़की खोलूं तो तेरा,
दर्शन हो जाये।।
मै आते जाते कान्हा,
तुझे प्रणाम करूँगा,
जो मेरे लायक होगा,
वो तेरा काम करूँगा,
तेरी सेवा करने से,
तेरी सेवा करने से,
मेरा जीवन खिल जाये,
जब खिड़की खोलूं तो तेरा,
दर्शन हो जाये।।
मेरे घर के आगे श्याम तेरा,
एक मंदिर बन जाये,
जब खिड़की खोलूं तो तेरा,
दर्शन हो जाये।।
मुझे आपका यह भजन बहुत अच्छा लगा
आपको बहुत-बहुत
धन्यवाद