करे मंगलवार का व्रत हम,
स्वीकार करो ना,
हम आये शरण तुम्हारी,
उद्धार करो ना,
जय जय बाबोसा,
जय जय बाबोसा।।
तर्ज – करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं।
आये है बड़ी आशा से,
तुम्हारे दरबार में,
हम भटक भटक के हारे,
झूठे संसार में,
पलटा दो मेरी भी किस्मत,
पलटा दो मेरी भी किस्मत,
चमत्कार करो ना,
हम आये शरण तुम्हारी,
उद्धार करो ना,
जय जय बाबोसा,
जय जय बाबोसा।।
अरदास लेकर आये,
दुख दर्द के मारे,
ये जीवन तुझको अर्पण,
ओ चुरू धाम वारे,
हम बालक है तुम्हारे,
हम बालक है तुम्हारे,
उपकार करो ना,
हम आये शरण तुम्हारी,
उद्धार करो ना,
जय जय बाबोसा,
जय जय बाबोसा।।
है कलयुग के अवतारी,
हम पर करो महर,
तेरी नजर हो जिस पे बाबा,
फिर न कोई फिकर,
‘दिलबर’ ‘प्राची’ भक्तो के,
‘दिलबर’ ‘प्राची’ भक्तो के,
सिर पर हाथ धरो ना,
हम आये शरण तुम्हारी,
उद्धार करो ना,
जय जय बाबोसा,
जय जय बाबोसा।।
करे मंगलवार का व्रत हम,
स्वीकार करो ना,
हम आये शरण तुम्हारी,
उद्धार करो ना,
जय जय बाबोसा,
जय जय बाबोसा।।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365