बजरंगबली तुमको,
मेरा साथ निभाना है,
सुख-दुःख अपना सारा,
हमें तुमको सुनाना है,
बजरंग बली तुमको,
मेरा साथ निभाना है।।
है कोई नहीं जग में,
तुमसा देवता दूजा,
करते हैं सदा तेरी,
सब नर-नारी पूजा,
सबको तेरी महिमा,
के गुण को गाना है,
बजरंग बली तुमको,
मेरा साथ निभाना है।।
हो राम के सेवक तुम,
और शिव के अवतारी,
इस कलियुग में तेरी,
है महिमा बड़ी भारी,
हो संकट मोचन तुम,
संसार ने जाना है,
बजरंग बली तुमको,
मेरा साथ निभाना है।।
जिस पर हो दया तेरी,
भवसागर तर जाये,
सुमिरन जो करे तेरा,
कलि पास भी ना आये,
भक्तों की नैया को,
भव पार लगाना है,
बजरंग बली तुमको,
मेरा साथ निभाना है।।
है नाम की क्या महिमा,
तुमने ही जाना है,
श्रीराम की शक्ति को,
तुमने पहचाना है,
तेरे नाम का बजरंगी,
‘परशुराम’ दीवाना है,
बजरंग बली तुमको,
मेरा साथ निभाना है।।
बजरंगबली तुमको,
मेरा साथ निभाना है,
सुख-दुःख अपना सारा,
हमें तुमको सुनाना है,
बजरंग बली तुमको,
मेरा साथ निभाना है।।
लेखक एवं प्रेषक – परशुराम उपाध्याय।
9307386438