बुला ले रे श्याम,
अपने खाटू मे मुझको बुला ले।
दोहा- तेरे दर पर आ गया,
मैं वो दीवाना हूँ,
जग से हारा भूला जमाना हूँ,
तेरे दर पर मिले खुशियां,
मेरे श्याम मैं भी आया हूं,
मैं भी आया हूं।
दर पर तेरे आस लगा के,
हर पल तेरा ध्यान लगा के,
या तो मुझको खाटू बुला ले,
या दुनिया से मुझको उठा ले,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले बुला ले,
बुला ले रे श्याम,
अपने खाटू मे मुझको बुला ले।।
तर्ज – तू बुला ले बुला ले।
तेरे दर्शन बिना जग सुना लगे,
सारी दुनिया लगे हैं बेगानी,
एक रिश्ता तेरा बस साचा लगे,
पर तुझसे है प्रित पुरानी,
तेरे आगे झोली फैलाऊ,
चरणों में तेरे शीश झुकाऊं,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले बुला ले,
बुला ले रे बाबा,
अपने खाटू मे मुझको बुला ले।।
तेरी महिमा अपार तेरी शक्ति अपार,
तूने भक्तों की बिगड़ी बनाई,
तुझे माने संसार किया है उपकार,
तूने अपनी यह ज्योति जलाई,
जग से नाता तोड़ के आऊ,
तुझसे रिश्ता जोड़ने आऊ,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले बुला ले,
बुला ले रे बाबा,
अपने खाटू मे मुझको बुला ले।।
दर पर तेरे आस लगा के,
हर पल तेरा ध्यान लगा के,
या तो मुझको खाटू बुला ले,
या दुनिया से मुझको उठा ले,
मैं तो ना जाऊं किसी दर पे,
तू बुला ले बुला ले,
बुला ले रें श्याम,
अपने खाटू मे मुझको बुला ले।।
गायक – विजय पवार।
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