बाबाजी थारी धुन,
घणी मीठी लागे,
धुन ऐसी मीठी लागे,
बापजी प्रीत पुरबली जागे।।
बाबे रे म्हे तो दौड़या-दौड़या आवां,
आओ बाप जी का दर्शन कर ल्यां,
सुतोड़ी किस्मत जागै,
बाबाजी थारीं धुन,
घणी मीठी लागे।।
बाबा जी म्हाने दुनिया दे रही ताना,
दुनिया री म्हाने फिकर तो कोनी,
थे हो म्हारे सागै,
बाबाजी थारीं धुन,
घणी मीठी लागे।।
बाबाजी अमर जोत जगै है थारी,
अमर जोत रा दर्शन कर ल्यां,
काल दूत जम भागै,
बाबाजी थारीं धुन,
घणी मीठी लागे।।
बाबा जी हंसराज करे अरजोई,
नंदू सोलंकी थारा भजन सुनावे,
अमन सोलंकी है सागै,
बाबाजी थारीं धुन,
घणी मीठी लागे।।
बाबाजी थारी धुन,
घणी मीठी लागे,
धुन ऐसी मीठी लागे,
बापजी प्रीत पुरबली जागे।।
गायक – नन्दू सोलंकी।
9828281232
लेखक – हंसराज पंवार।