नैया हमारी मोहन,
बिन मांझी चल रही है,
तुम थाम लो मुरारी,
ये तो मचल रही है,
नईया हमारी मोहन,
बिन मांझी चल रही है।।
तर्ज – तुझे भूलना तो।
जग को पुकार कर के,
थक सा गया हूँ मोहन,
मिलता नहीं सहारा,
आँखें हुई मेरी नम,
तुम ही मिटा दो मोहन,
विपदा की ये घडी है,
नईया हमारी मोहन,
बिन मांझी चल रही है।।
हमने सुना है बाबा,
तुम हारे के सहारे,
तू गर संभाले इसको,
नैया लगे किनारे,
तुम्ही सम्भालो आकर,
लहरों में ये पड़ी है,
नईया हमारी मोहन,
बिन मांझी चल रही है।।
गर हार भी गया तो,
तुझको ही मैं पुकारूँ,
पकड़ा है तेरा दामन,
इसको ना मैं बिसारुं,
जन्मो जनम की यारी,
‘भानु’ की अब लगी है,
नईया हमारी मोहन,
बिन मांझी चल रही है।।
नैया हमारी मोहन,
बिन मांझी चल रही है,
तुम थाम लो मुरारी,
ये तो मचल रही है,
नईया हमारी मोहन,
बिन मांझी चल रही है।।
Singer – Rinku Shriva Rasik