खाटू का राजा म्हारा,
श्याम सांवरिया।
दोहा – खाटू माही बैठयो है,
श्याम धनी सरकार,
प्रेमी टेर लगावे है,
करा थारी मनुहार।
खाटू का राजा म्हारा,
श्याम सांवरिया,
थाने बुलावे थारा टाबरिया,
करके जागनिया,
ओ म्हारा श्याम साँवरिया,
खाटू का राजा म्हारां,
श्याम साँवरिया।।
कुरुक्षेत्र के युद्ध में बाबो,
हाहाकार मचायो है,
दान शीश को देकर बाबो,
श्याम धनी कहलायो है,
खाटू में धाम बनावणीया,
ओ म्हारा श्याम सांवरिया,
खाटू का राजा म्हारां,
श्याम साँवरिया।।
शीश की थारी पूजा होवे,
फुला रो श्रृंगार जी,
प्रेमी थारा दर्शन चावे,
करूणा रा भंडार जी,
प्रेमिया ने दर्श दिखावनिया,
ओ म्हारा श्याम सांवरिया,
खाटू का राजा म्हारां,
श्याम साँवरिया।।
हारे को सहारो बाबा,
कलयुग मे केहलायो है,
जो कोई थाने टेर लगावे,
दौड्यो दौड्यो आयो है,
भक्ता री लाज बचावनिया,
ओ म्हारा श्याम सांवरिया,
खाटू का राजा म्हारां,
श्याम साँवरिया।।
आलू सिंहजी प्रेम भाव सु,
करे थारो गुणगान जी,
श्याम बहादुर मोरछड़ी सु,
बंद द्वार खुलवायो जी,
प्रेमिया रो मान बढ़ावनिया,
ओ म्हारा श्याम सांवरिया,
खाटू का राजा म्हारां,
श्याम साँवरिया।।
श्याम शुभम थारी कृपा पाकर,
हो गया मालामाल जी,
पैलेश थारे चरणा रो चाकर,
हो गयो निहाल जी,
हारोड्या ने जीत दिलावनिया,
ओ म्हारा श्याम सांवरिया,
खाटू का राजा म्हारां,
श्याम साँवरिया।।
खाटू का राजा म्हारा,
श्याम साँवरिया,
थाने बुलावे थारा टाबरिया,
करके जागनिया,
ओ म्हारा श्याम साँवरिया,
खाटू का राजा म्हारां,
श्याम साँवरिया।।
रचना – पैलेश जोशी।
स्वर – श्याम शुभम नागपुर।
प्रेषक – खुशी कांकरिया।
धामनगांव रेलवे।
9022107077