खाटू वाला खड़ा हर पहर,
फिर क्यूं भटके है तू दरबदर,
दुनिया वाले सुने ना सुने,
तेरी बाबा ही लेगा खबर,
खाटु वाला खड़ा हर पहर,
फिर क्यूं भटके है तू दरबदर।।
इतना विश्वास रख बावरे,
ऐसा दाता ना संसार में,
ये संभालेगा आकर तुझे,
कैसे डूबेगा मझधार में,
अपने भक्तों की इनको फिकर,
तेरी बाबा ही लेगा खबर,
खाटु वाला खड़ा हर पहर,
फिर क्यूं भटके है तू दरबदर।।
तेरी चौखट पे आते रहे,
छोड़ दरबार कैसे रहे,
कोई सुनता ना दुखड़े मेरे,
हम जाकर के किससे कहें,
यूं ही जीवन जाये ना गुजर
तेरी बाबा ही लेगा खबर,
खाटु वाला खड़ा हर पहर,
फिर क्यूं भटके है तू दरबदर।।
यहां होती है देर मगर,
पर अंधेर हैं ना यहां,
चाहे आये मुसीबत कोई,
छोड़ तुझको मैं जाऊं कहां,
सुरेश अब ना तू करना फिकर,
तेरी बाबा ही लेगा खबर,
खाटु वाला खड़ा हर पहर,
फिर क्यूं भटके है तू दरबदर।।
खाटू वाला खड़ा हर पहर,
फिर क्यूं भटके है तू दरबदर,
दुनिया वाले सुने ना सुने,
तेरी बाबा ही लेगा खबर,
खाटु वाला खड़ा हर पहर,
फिर क्यूं भटके है तू दरबदर।।
Singer – Khagesh Dadsena