तेरी रहमत भरी नजरे,
इनायत मुझ पे हो जाये,
यकीन मुझको मेरे कान्हा,
मेरा जीवन संवर जाए,
तेरी रहमत भरी नज़रें,
इनायत मुझ पे हो जाये।।
तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का।
ना जानूं रीत पूजा की,
ना भक्ति भाव कुछ तेरा,
नहीं तो मैं भी सुन बाबा,
चढ़ाता एक निशान तेरा,
तू सुन सकता है तो सुन ले,
नहीं कोई और अब मेरा,
यकीन मुझको मेरे कान्हा,
मेरा जीवन संवर जाए,
तेरी रहमत भरी नज़रें,
इनायत मुझ पे हो जाये।।
तू हारे को मेरे बाबा,
सदा देता सहारा है,
अगर डूबे कोई कश्ती,
तो पल भर में उबारा है,
नहीं मैं जानता बाबा,
क्या रिश्ता तेरा मेरा है,
यकीन मुझको मेरे कान्हा,
मेरा जीवन संवर जाए,
तेरी रहमत भरी नज़रें,
इनायत मुझ पे हो जाये।।
किये एहसान जो तूने,
कभी ना भूल पाऊंगा,
है जब तक प्राण इस तन में,
सदा तेरे दर पे आऊंगा,
भुला दूँ गर तेरी सेवा,
वो दिन हो आखरी मेरा,
यकीन मुझको मेरे कान्हा,
मेरा जीवन संवर जाए,
तेरी रहमत भरी नज़रें,
इनायत मुझ पे हो जाये।।
भरी दुनिया में दुखियों का,
नहीं कोई ठिकाना है,
बता मुझको कोई जरिया,
तुझे कैसे रिझाना है,
‘मधु प्रज्ञा’ रिझाएंगे,
जो उनको मान ले तेरा,
यकीन मुझको मेरे कान्हा,
मेरा जीवन संवर जाए,
तेरी रहमत भरी नज़रें,
इनायत मुझ पे हो जाये।।
तेरी रहमत भरी नजरे,
इनायत मुझ पे हो जाये,
यकीन मुझको मेरे कान्हा,
मेरा जीवन संवर जाए,
तेरी रहमत भरी नज़रें,
इनायत मुझ पे हो जाये।।
Singer – Pragya Sharma