शंकर पशुपतिनाथ हमारे,
आन पड़े हम द्वार तुम्हारे,
हे कैलाश पति भगवान,
हे महादेव करो कल्याण।।
तर्ज – हे महावीर करो कल्याण
हे भोले शिव अंतर्यामी,
भूल क्षमा करदो मेरे स्वामी,
आप तो दीनानाथ कहाओ,
हम सब है बालक नादान,
शंकर पशुपति नाथ हमारे,
आन पड़े हम द्वार तुम्हारे।।
जो भी आया शरण तुम्हारे,
उसके सब संकट तुम टारे,
चरण शरण में आन पड़े हम,
भक्ति का दीजो वरदान,
शंकर पशुपति नाथ हमारे,
आन पड़े हम द्वार तुम्हारे।।
हे डमरू धर शिव अविनाशी,
काटो शर्मा की चौरासी,
तेरी सेवा में ही बीते,
लख्खा का ये जीवन प्राण,
शंकर पशुपतिनाथ हमारे,
आन पड़े हम द्वार तुम्हारे।।
शंकर पशुपतिनाथ हमारे,
आन पड़े हम द्वार तुम्हारे,
हे कैलाश पति भगवान,
हे महादेव करो कल्याण।।