जलवा है चारों ओर,
हमारे ही श्याम का,
हर कोई कर रहा है भजन,
इनके नाम का।।
चेहरे पे भोलापन है,
होंठो पे है हंसी,
देखा है जब से इनको,
मूरत हृदय बसी,
दीवाना हर कोई,
कोई इनके नाम का,
जलवा हैं चारो ओर,
हमारे ही श्याम का।।
है श्याम रंग सलोना,
आंखों में रस भरा,
तिरछी नज़र का सबपे,
छाया है एक नशा,
उतरेगा ना नशा ये,
तेरे नाम का,
जलवा हैं चारो ओर,
हमारे ही श्याम का।।
कोई ना होश में है,
कैसा है सुरूर,
जादूगरी तेरी प्रभु,
इसमें है कुछ तेरी,
‘राजेन्द्र’ भी दीवाना,
दीवाना है श्याम का,
जलवा हैं चारो ओर,
हमारे ही श्याम का।।
जलवा है चारों ओर,
हमारे ही श्याम का,
हर कोई कर रहा है भजन,
इनके नाम का।।
गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340