ओम सत्य ओम सत्य,
होवे हर की आरती,
हरि ओम हरि ओम,
होवे हर की आरती,
जय जय बोले,
बाबा सारी आलम,
निर्भय नगारा बाजे,
अकड़ बम अकड़ बम हरदम।।
चार खूट और चोदह भवन में,
आप री फिरे हो बाबा साची या कलम,
निर्भय नगारा बाजे,
अकड़ बम अकड़ बम हरदम।।
सुख भर सुतो बाबो पाव हिलावे,
आप री गति हो बाबा आपने मालूम,
निर्भय नगारा बाजे,
अकड़ बम अकड़ बम हरदम।।
तू मारो पटवो तु ही पटवारी,
आपकी सेवा में बाबा रे हूं हरदम,
निर्भय नगारा बाजे,
अकड़ बम अकड़ बम हरदम।।
चार चरण जद गोरख बोले,
बेग रे भगता री बाबा राख जो कलम,
निर्भय नगारा बाजे,
अकड़ बम अकड़ बम हरदम।।
ओम सत्य ओम सत्य,
होवे हर की आरती,
हरि ॐ हरि ॐ,
होवे हर की आरती,
जय जय बोले,
बाबा सारी आलम,
निर्भय नगारा बाजे,
अकड़ बम अकड़ बम हरदम।।
स्वर – गोपाल जी बजाज।
प्रेषक – मदन मेवाड़ी।
8824030646
ये भी देखें – ॐ जय अजमल लाला।