गुरु मुरारी हो,
मन्नै दर्शन दे दो आज।।
जब तं गुरुजी तेरा नाम सुणा स,
मेरे मन में चांदणा घणा स,
मै त भजन करुं दिन सात,
गुरु मुरारी हों,
मन्नै दर्शन दे दो आज।।
जब सतगुरु तेरे भवनां प आऊं,
अर्जी और दरखास लगाऊँ,
मेरे पूर्ण हों सब काज,
गुरु मुरारी हों,
मन्नै दर्शन दे दो आज।।
जब सतगुरू का दर्शन पाया,
जीवन मे आन्न्द सा छाया,
मेरी तुंहे राखः लाज,
गुरु मुरारी हों,
मन्नै दर्शन दे दो आज।।
गुरु चरणों की जो सेवा करता,
गुरु वचन प जो माणस मरता,
उसपे राजेश करता नाज,
गुरु मुरारी हों,
मन्नै दर्शन दे दो आज।।
गुरु मुरारी हो,
मन्नै दर्शन दे दो आज।।
गायक – पुरुषोत्तम जी शर्मा।
प्रेषक – राकेश कुमार जी।
खरक जाटान(रोहतक)
9992976579