कितना है तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी।
दोहा – लाखों निखरे तराश से तेरी,
कुछ मैं अजीब सा निखर गया,
छाया कबसे था सिर गमो का बादल,
वो पल भर में बिखर गया।
कितना है तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी,
कितना मैं निखरता गया,
पहले से श्याम धणी,
कितना हैं तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी।।
तर्ज – होंठों से छू लो।
अपने हर प्रेमी को,
तुम राह दिखाते हो,
जो खुद चल ना पाता,
तुम गोदी उठाते हो,
तेरी उन राहों पर,
चल पड़ा मैं श्याम धणी,
कितना हैं तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी।।
मंज़िलें है क्या होती,
इतना भी ज्ञान नहीं,
कैसे पाई जाती,
उसका भी ध्यान नहीं,
ऊँगली तू पकड़ कर संग,
चलता मेरे श्याम धणी,
कितना हैं तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी।।
दिल से जो सच्चा हो,
वो हार नहीं सकता,
पक्की है जीत उसकी,
कोई टाल नहीं सकता,
हर हारा हुआ कहता,
साथी मेरा श्याम धणी,
कितना हैं तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी।।
डोले चाहे नैया,
पर डूब नहीं सकती,
पतवार तेरे हाथों,
कभी छूट नहीं सकती,
तेरी कृपा की कश्ती में,
‘रवि’ बैठा श्याम धणी,
कितना हैं तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी।।
कितना है तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी,
कितना मैं निखरता गया,
पहले से श्याम धणी,
कितना हैं तराश दिया,
मुझको मेरे श्याम धणी।।
Singer – Monti Khurana