आज पर्दा हटा दो,
कन्हैया कुंवर,
मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो,
देखते देखते,
उम्र जाए गुजर,
मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो।।
मोर के पंख वाला,
पहन लो मुकुट,
थाम लो हाथों में,
रस भरी बांसुरी,
आज जलवा दिखाते,
रहो रात भर,
मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो।।
ये शरद पूर्णिमा की,
चटक चांदनी,
और बंसी की मीठी,
मधुर रागनी,
सारी दुनिया से,
हो जाऊं मैं बेखबर,
मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो।।
प्यारे जु प्यारी जु का भी,
यूँ साथ हो,
उससे बढ़कर भला,
कोई क्या बात हो,
धन्य हो जाऊं,
जोड़ी युगल देखकर,
मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो।।
मैं नहीं चाहता,
लोक की सम्पदा,
मैं नहीं चाहता,
मुझको ध्रुव पद मिले,
आज चंचल मिले बस,
नज़र से नज़र,
Bhajan Diary Lyrics,
मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो।।
आज पर्दा हटा दो,
कन्हैया कुंवर,
मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो,
देखते देखते,
उम्र जाए गुजर,
मैं तुम्हे देख लूँ,
तुम मुझे देख लो।।
गायक – दिनेश जी गोस्वामी।
नन्दगाँव वाले।