चंदा सा मुखड़ा ब्राइट,
मस्तक पे मून लाइट।
तर्ज – ये पर्दा हटा दो
श्लोक – नाग विराजे गले में जिनके,
सर पर गंग सवार,
रूप दिगंबर का धरे,
जग के पालनहार,
चार वेद और छह शाश्त्रो ने,
कहा यही हर बार,
देवो के देव महादेवजी,
तेरी महिमा अपरम्पार।
चंदा सा मुखड़ा ब्राइट,
मस्तक पे मून लाइट,
गंगा जी सर पर वाइट,
देवों में ब्रिलियंट हैं।
बाबा भूतनाथ जी भक्तो की,
सुनते अर्जेंट हैं,
हमारे भोले बाबा भगतों की,
सुनते अर्जेंट है।।
अरे भेस है योगी जैसा जिनका,
लेकिन मास्टर माइंड,
ऐसा चमके मुख मंडल,
सूरज को करदे ब्लाइंड,
बागम्बर कमर में टाइट,
और भांग धतूरा डाइट,
कर देते रॉंग को राइट,
इनमे वो टैलेंट है।
बाबा भूतनाथ जी भगतों की,
सुनते अर्जेंट है।।
हर एक दर पे जाके मेने,
करके टेस्ट है जाना,
सबसे बेस्ट है भोले बाबा,
कहता यही यमाना।
अदबुध है जिनकी हाइट,
जिनसे है डे और नाईट,
कर देते फ्यूचर ब्राइट,
जो हंड्रेड परसेंट है।
हमारे भोले बाबा भगतों की,
सुनते अर्जेंट है।।
अरे भूत प्रेत की लिए आर्मी,
हैं अलख बम भोले,
कैलाश पे ‘लख्खा’ जिनका डमरू,
डम डम डम डम बोले।
मैया जी बैठी साइड,
दुष्टों से करती फाइट,
नैयनो में डायनामाइट,
लख्खा भी सर्वेंट है।
हमारे भूतनाथ जी भक्तो की,
सुनते अर्जेंट है।।
चंदा सा मुखड़ा ब्राइट,
मस्तक पे मून लाइट,
गंगा जी सर पर वाइट,
देवों में ब्रिलियंट हैं।
बाबा भूतनाथ जी देवों की,
सुनते अर्जेंट हैं,
हमारे भोले बाबा भगतों की,
सुनते अर्जेंट है।।