आ मन बैठ जरा,
राम जी के चरणों में,
राम जी के चरणों में,
श्याम जी के चरणों में,
आ मन बैठ ज़रा,
राम जी के चरणों में।।
सुबह हुई शाम हुई,
जिन्दगी तमाम हुई,
जिन्दगी को अपना बना,
श्री राम जी के चरणो में,
आ मन बैठ ज़रा,
राम जी के चरणों में।।
ये जग सपना है,
कोई ना अपना है,
रामजी को अपना बना,
श्री राम जी के चरणो में,
आ मन बैठ ज़रा,
राम जी के चरणों में।।
काम और क्रोध तेरा,
कुछ न बिगाड़ेंगे,
नाम वाली जोत जगा,
श्री राम जी के चरणो में,
आ मन बैठ ज़रा,
राम जी के चरणों में।।
करुणा की एक नजर,
पड़ जाये तुझपे अगर,
तेरा उद्धार होगा,
श्री राम जी के चरणो में,
आ मन बैठ ज़रा,
राम जी के चरणों में।।
आ मन बैठ जरा,
राम जी के चरणों में,
राम जी के चरणों में,
श्याम जी के चरणों में,
आ मन बैठ ज़रा,
राम जी के चरणों में।।
स्वर – रामनरेश जी वशिष्ठ।