हार के जब गया,
श्याम के द्वार पे,
हर ख़ुशी मिल गई है मुझे,
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे,
मेरे श्याम,
ज़िन्दगी मिल गई हैं मुझें।।
तर्ज – जो मेरी रूह को।
लड़खड़ाते कदम,
अब सँभलने लगे,
तेरी राहों पे जब,
श्याम चलने लगे,
अब अंधेरो का डर,
ना सताए मुझे,
रौशनी मिल गई है मुझे,
ज़िन्दगी मिल गई है मुझें,
मेरे श्याम,
ज़िन्दगी मिल गई हैं मुझे।।
मेरे विश्वास को,
टूटने ना दिया,
तुमने गैरों के आगे,
ना झुकने दिया,
तेरी चौखट पे जब,
मेरे आंसू गिरे,
ताज़गी मिल गई है मुझे,
ज़िन्दगी मिल गई है मुझें,
मेरे श्याम,
ज़िन्दगी मिल गई हैं मुझे।।
मेरी हर सांस पर,
नाम तेरा रहे,
तुमसे ‘साहिल’ प्रभु,
बस इतना कहे,
ना हो चरणों से दूर,
बाबा तेरा ‘मयूर’,
बंदगी मिल गई है मुझे,
ज़िन्दगी मिल गई है मुझें,
मेरे श्याम,
ज़िन्दगी मिल गई हैं मुझे।।
हार के जब गया,
श्याम के द्वार पे,
हर ख़ुशी मिल गई है मुझे,
ज़िन्दगी मिल गई है मुझे,
मेरे श्याम,
ज़िन्दगी मिल गई हैं मुझे।।
Singer – Mayur Tripathi