जागु ग्यारस की रातों में,
तेरा ज़िक्र मेरी सब बातो में,
फिर भी वो लकीर नहीं मिटती,
जो खींच दी तूने हाथो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम,
कभी आकर तू बरसातों में,
मेरे घर की हालत देख श्याम,
कभी आकर तू बरसातों में।।
हर साल ये विपदा आती है,
हर बार ये घर ढह जाता है,
तस्वीर तेरी रह जाती है,
बाकी सब कुछ बह जाता है,
हम तुझे छुपा लेते है श्याम,
इन टूटे फूटे जाको में,
मेरे घर की हालत देख श्याम,
कभी आकर तू बरसातों में।।
सिर पे है घटाओ की चादर,
धरती की सेज बिछाते है,
तेरा नाम लेकर ही बच्चे,
भूखें ही सो जाते है,
तेरी ज्योत जगानी ना छोड़ी,
ऐसे भी हालातो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम,
कभी आकर तू बरसातों में।।
कोई और दुआ न मांगी है,
माँगा है बस प्यार तेरा,
तू मालिक सारी दुनिया का,
दर दर भटके परिवार तेरा,
हमको तो ताने देते है,
जग वाले बातो बातो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम,
कभी आकर तू बरसातों में।।
जागु ग्यारस की रातों में,
तेरा ज़िक्र मेरी सब बातो में,
फिर भी वो लकीर नहीं मिटती,
जो खींच दी तूने हाथो में,
मेरे घर की हालत देख श्याम,
कभी आकर तू बरसातों में,
मेरे घर की हालत देख श्याम,
कभी आकर तू बरसातों में।।
Singer – Vikas Dua, Anjali Sagar Dua
प्रेषक – निलेश मदनलाल खंडेलवाल।
धामनगांव रेलवे 9765438728