आली बस गयो श्याम,
मोरे मन में,
मोरे मन में,
हाँ मोरे मन में,
आली बस गयों श्याम,
मोरे मन में।।
सिर सोहे मुकुट,
घुंघराली अलकें,
मोहे दुनिया है,
जादू बाके नैनन में,
आली बस गयों श्याम,
मोरे मन में।।
उसके प्यारे प्यारे गाल,
गले मोतियों की माल,
प्यारी लगती है मुरलिया,
उसके अधरन में,
आली बस गयों श्याम,
मोरे मन में।।
सुनके बंसी की धुन,
भूलूं अपना मैं तन,
कान्हा मुरली बजाये,
ऐसी मधुवन में,
आली बस गयों श्याम,
मोरे मन में।।
तीर नैनों के चलाये,
दही लूट लूट खाये,
जाने कितने हैं ढंग,
ऐसे मोहन में,
आली बस गयों श्याम,
मोरे मन में।।
आली बस गयो श्याम,
मोरे मन में,
मोरे मन में,
हाँ मोरे मन में,
आली बस गयों श्याम,
मोरे मन में।।
स्वर – कुमारी कृतिका और स्वाति खरे।