एक बात म्हारा,
मायळा में उपजे,
थाने सरीखा थे ही हो,
एक राम दुजे दशरथ घर,
तिजो दिखे नही हो,
रुणिचे वाला थे ही हो,
म्हारा जनम सुधारन थे ही हो,
भक्तारा भिडी थे ही हो,
प्रल्हाद उबारन थे ही हो,
खंबो फाड लियो अवतार,
हिरणाकुश मारन थे ही हो।।
दडीया रमता दोटो लाग्यो,
गेंद पडी धे माही हो,
कुद पड्या समदर के माही,
नाग नाथ कर लाई हो,
रुनिचे वाला थे ही हो,
म्हारा जनम सुधारन थे ही हो,
भक्तारा भिडी थे ही हो,
प्रल्हाद उबारन थे ही हो,
खंबो फाड लियो अवतार,
हिरणाकुश मारन थे ही हो।।
चौपळ रमता भुजा पसारी,
बणियेरी जहाज तिराई हो,
भैरु रागसने पकड पछाड्यो,
बजर शिला सरकाई हो,
रुनिचे वाला थे ही हो,
म्हारा जनम सुधारन थे ही हो,
भक्तारा भिडी थे ही हो,
प्रल्हाद उबारन थे ही हो,
खंबो फाड लियो अवतार,
हिरणाकुश मारन थे ही हो।।
टिटोळीरा अंडा उबारीया,
इन भारत के माही हो,
मांजरीका बच्चा बचाया,
जलती अगनी रे माही हो,
रुनिचे वाला थे ही हो,
म्हारा जनम सुधारन थे ही हो,
भक्तारा भिडी थे ही हो,
प्रल्हाद उबारन थे ही हो,
खंबो फाड लियो अवतार,
हिरणाकुश मारन थे ही हो।।
ऐसा ऐसा भजन करो रे,
अपना तन मन माही हो,
भजन करो बैकुंठ सिधावो,
यम री मार बचाई हो,
रुनिचे वाला थे ही हो,
म्हारा जनम सुधारन थे ही हो,
भक्तारा भिडी थे ही हो,
प्रल्हाद उबारन थे ही हो,
खंबो फाड लियो अवतार,
हिरणाकुश मारन थे ही हो।।
एक बात म्हारा,
मायळा में उपजे,
थाने सरीखा थे ही हो,
एक राम दुजे दशरथ घर,
तिजो दिखे नही हो,
रुणिचे वाला थे ही हो,
म्हारा जनम सुधारन थे ही हो,
भक्तारा भिडी थे ही हो,
प्रल्हाद उबारन थे ही हो,
खंबो फाड लियो अवतार,
हिरणाकुश मारन थे ही हो।।
स्वर / प्रेषक – दिनेश शर्मा।
9423427668
प्रेरणा – भाई राधाकिसनजी शर्मा (आसरा)