जमड़ा ठोके नराताल,
आडो कोई नही आवे रे,
कोई नही आवे रे,
आडो कोई नही आवे रे।।
धन माल की भरी तिजोरियां,
यही रे जावे रे,
जमडा ने रुपिया देकर,
कैया समजावे रे,
जमडा ठोके नराताल,
आडो कोई नही आवे रे।।
माता पिता छोरा छोरी,
काम नही आवे रे,
छाती माथा कूट कर के,
दाग करयावे रे,
जमडा ठोके नराताल,
आडो कोई नही आवे रे।।
घर की नारी प्राण प्यारी,
रोती रे जावे रे,
बारह दिना के बाद वा भी,
घर बसावे रे,
जमडा ठोके नराताल,
आडो कोई नही आवे रे।।
दया धर्म और करे भलाई,
आड़ी आवे रे,
सिर हाथ होवे गुरुदाता को,
तुरंत छुड़ावै रे,
जमडा ठोके नराताल,
आडो कोई नही आवे रे।।
बुद्धपुरी जी गुरुदेव कृपालु,
भर्म मिटावे रे,
भैरया गाडरी सतगुरू दाता,
स्वर्ग पहुंचावे रे,
जमडा ठोके नराताल,
आडो कोई नही आवे रे।।
जमड़ा ठोके नराताल,
आडो कोई नही आवे रे,
कोई नही आवे रे,
आडो कोई नही आवे रे।।
गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
89479-15979