मेरी माँ के बराबर कोई नहीं,
ऊँचा है भवन ऊँचा मंदिर,
ऊँची है शान मैया तेरी,
चरणों में झुकें बादल भी तेरे,
पर्वत पे लगे शैया तेरी,
हे कालरात्रि हे कल्याणी,
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं,
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं,
तेरी ममता से जो गहरा हो,
ऐसा तो सागर कोई नहीं,
मेरी माँ के बराबर कोई नही।।
जैसे धारा और नदिया,
जैसे फूल और बगिया,
मेरे इतना ज़्यादा पास है तू,
जब ना होगा तेरा आँचल,
नैना मेरे होंगे जल थल,
जाएँगे कहाँ फिर मेरे आँसू,
दुख दूर हुआ मेरा सारा,
अँधियारों में चमका तारा,
नाम तेरा जब भी है पुकारा,
सूरज भी यहाँ है चंदा भी,
तेरे जैसा उजागर कोई नहीं,
मेरी माँ के बराबर कोई नही,
हे कालरात्रि हे कल्याणी,
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं,
मेरी माँ के बराबर कोई नही।।
तेरे मंदिरों में माई,
मैंने ज्योत क्या जलाई,
हो गया मेरे घर में उजाला,
क्या बताऊँ तेरी माया,
जब कभी मैं लड़खड़ाया,
तूने दस भुजाओं से संभाला,
खिल जाती है सूखी डाली,
भर जाती है झोली ख़ाली,
तेरी ही मेहर है मेहरावाली,
ममता से तेरी बढ़ के मैया,
मेरी तो धरोहर कोई नहीं,
मेरी माँ के बराबर कोई नही,
हे कालरात्रि हे कल्याणी,
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं,
मेरी माँ के बराबर कोई नही।।
ऊँचा है भवन ऊँचा मंदिर
ऊँची है शान मैया तेरी,
चरणों में झुकें बादल भी तेरे,
पर्वत पे लगे शैया तेरी,
हे कालरात्रि हे कल्याणी,
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं,
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं,
तेरी ममता से जो गहरा हो,
ऐसा तो सागर कोई नहीं,
मेरी माँ के बराबर कोई नही।।
Singer – Jubin Nautiyal
Upload By – G Madhav Rao
8962220444