सजा है सुन्दर सा दरबार,
उसमे बैठे लखदातार,
लाखों की है भीड़ अपार,
लम्बी लम्बी लगी कतार,
फागुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।।
तर्ज – दिल टोटे टोटे हो गया।
आ गया आ गया,
सांवरे का सतरंगी मेला आ गया,
श्याम सुनले मेरी,
एक प्यार से पुकार,
आ गया,
मंदिर के आगे श्याम दीवाने,
धक्का मुक्की खाये हैं,
लब से देखो फिर भी बाबा,
ये श्याम श्याम ही गाये हैं,
खाटू नगरी सजी है आज,
बड़ा अनोखा ये त्यौहार,
फागुण मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।।
आ गया आ गया,
सांवरे का सतरंगी मेला आ गया,
श्याम सुनले मेरी,
एक प्यार से पुकार,
आ गया,
केसरिया लागे है धरती,
होती है जय जयकार है,
सब दूर दूर से आये दीवाने,
बनके सेवादार है,
चूक ना जाना मौका यार,
संग में ले लो सब परिवार,
फागुण मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।।
आ गया आ गया,
सांवरे का सतरंगी मेला आ गया,
श्याम सुनले मेरी,
एक प्यार से पुकार,
आ गया,
फागुन की ग्यारस पे भक्तों,
ये मेला फिर से आता है,
जो खाटू नगरी जाता है,
वो श्याम की सेवा पाता है,
लुटा रहा है हाथ पसार,
बैठा खाटू का सरदार,
फागुण मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।।
आ गया आ गया,
सांवरे का सतरंगी मेला आ गया,
श्याम सुनले मेरी,
एक प्यार से पुकार,
आ गया,
रींगस से खाटू तक देखो,
लगता मेला ही मेला है,
मेरा बाबा सबके साथ चले,
‘सत्या’ नहीं कोई अकेला है,
‘भारती’ करती क्यों तू विचार,
ले ले ध्वजा हो जा तैयार,
फागुण मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।।
सजा है सुन्दर सा दरबार,
उसमे बैठे लखदातार,
लाखों की है भीड़ अपार,
लम्बी लम्बी लगी कतार,
फागुन मेला आ गया,
देखो फागुण मेला आ गया।।
Singer – Bharti Kumawat