जब जब तुझे पुकारूँ श्याम,
तू दौड़ा आता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
हर संकट में सर पे,
मोरछड़ी लहराता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
सेवा पूजा कुछ ना जानू,
ना भक्ति ना ज्ञान,
फिर भी तूने सदा बढ़ाया,
निज सेवक का मान,
भोले भक्तों का सांवरिया,
मान बढ़ाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
मात पिता भाई बंधू और,
सखा रूप में दिखता तू,
जिसके जैसे भाव निभाए,
सांवरिया हर रिश्ता तू,
प्रेमी संग सांवरिया,
प्रीत की रीत निभाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
जब देखूं अपने कर्मो को,
सोच के होती हैरत है,
मुझ जैसे नालायक पर,
क्यों बरसे तेरी रहमत है,
आँख के आंसू रुक नहीं पाते,
दिल भर आता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
जैसा भी हूँ तेरा ही हूँ,
साथ निभाए रखना तू,
अपने इस पापी प्रेमी से,
प्रेम बनाए रखना तू,
‘रोमी’ की भूलें बिसरा कर,
राह दिखाता है,
Bhajan Diary Lyrics,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
जब जब तुझे पुकारूँ श्याम,
तू दौड़ा आता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
हर संकट में सर पे,
मोरछड़ी लहराता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है,
ये रिश्ता क्या कहलाता है।।
स्वर / रचना – रोमी जी।