आई आई आई महामाई है आई,
सभी भक्तों को मेरी बधाई,
आई आई आई महामाई हैं आई,
सोने का सिंहासन व चौकी सजाई,
आई आई आई महामाई हैं आई।।
हाथ में त्रिशूल और खड़ग बिराजे है,
गल मुंडन की माला भी साजे है,
देने हम सबको खुशियां हैं आई,
आई आई आई महामाई हैं आई।।
लाल चुनरिया व लाल सितारा है,
मैया के दर्शन को भाग्य हमारा है,
हरने धरा के सारे कष्ट है आई,
आई आई आई महामाई हैं आई।।
चंदन की चौकी और थाल सजाओ जी,
मेरी मैया रानी को भोग लगाओ जी,
देखो जन-जन में खुशियां है छाई,
आई आई आई महामाई हैं आई।।
शेर पर सवार होकर दरबार आ गई,
भक्तों के मन में मैया जी समा गई,
‘सचिन’ भी आज देता सबको बधाई,
आई आई आई महामाई हैं आई।।
आई आई आई महामाई है आई,
सभी भक्तों को मेरी बधाई,
आई आई आई महामाई हैं आई,
सोने का सिंहासन व चौकी सजाई,
आई आई आई महामाई हैं आई।।
गायक / लेखक – सचिन निगम।
मोबाइल – 8756825076