अबला री आ विणती,
सुणजो रे पिवजी मारा औ,
छोड़ गया मने इण जिंदगी में,
अब मारो कुण होसी औ,
अबला री आ विनती।।
देवर जेठ मने गाली काढे,
चाचु मैणा देवे ओ,
जब याद करू थाने,
आख सु आसु आवे औ,
अबला री आ विनती।।
ओम प्रकाश गावे ओ,
सुणावे विदवा पिड़ा आपरी,
आख सु आसु आवै औ,
अबला री आ विनती।।
अबला री आ विणती,
सुणजो रे पिवजी मारा औ,
छोड़ गया मने इण जिंदगी में,
अब मारो कुण होसी औ,
अबला री आ विनती।।
गायक / प्रेषक – ओम प्रकाश बालाच जाजवा।
7728028297