है चंदा की चांदनी जिसमे,
सूरज का तेज समाये,
है प्यारी सी ये सूरत तेरी,
भक्तों के मन को लुभाये,
लगता हजारों में,
सबसे है प्यारा तू,
नेनो से नेन मिलाकर,
तुझको निहार लूँ,
तेरी मूरत निरखी,
श्री बाबोसा अंखिया मेरी हरखी,
देखी तेरी ये झांकी,
श्री बाबोसा अंखिया मेरी हरखी।।
तर्ज – तेरी झलक अशर्फि।
हो नेनो के रस्ते,
दिल मे तू आजा,
चुरू के राजा,
दिल मे समा जा,
सब कुछ लुटादु में,
तेरे ही आगे,
प्रीत की रीत बाबा,
आके निभा जा,
नही चाहिए चांदी सोना,
मांगू एक तेरे दर का कोना,
तेरी पनाह में आकर मेरी,
जिंदगी संवर जाये,
तेरी मुरत निरखी,
श्री बाबोसा अंखिया मेरी हरखी,
देखी तेरी ये झांकी,
श्री बाबोसा अंखिया मेरी हरखी।।
रूप सुहाना तेरा,
नैना मतवारे,
भक्तो पे हर पल,
जादू ये डारे,
सूरत ये देख हम,
हो गये पागल,
दुनिया को छोड़ हम तो,
हुए तुम्हारे,
बन बैठा में तेरा ‘दिलबर’,
जाऊं न अब तुझे छोड़कर,
सुर में देखो सुर मिलाकर,
‘सुनील’ ये गाये,
तेरी मुरत निरखी,
श्री बाबोसा अंखिया मेरी हरखी,
देखी तेरी ये झांकी,
श्री बाबोसा अंखिया मेरी हरखी।।
है चंदा की चांदनी जिसमे,
सूरज का तेज समाये,
है प्यारी सी ये सूरत तेरी,
भक्तों के मन को लुभाये,
लगता हजारों में,
सबसे है प्यारा तू,
नेनो से नेन मिलाकर,
तुझको निहार लूँ,
तेरी मूरत निरखी,
श्री बाबोसा अंखिया मेरी हरखी,
देखी तेरी ये झांकी,
श्री बाबोसा अंखिया मेरी हरखी।।
गायक – सुनील परमार।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365