चलो वैष्णव माता के द्वार,
वहाँ मिलता है माँ का प्यार,
जमाना बोलता है,
जमाना बोलता है,
इन्हें पूजे सारा संसार,
करे माँ सबका बेड़ा पार,
जमाना बोलता है,
जमाना बोलता है।।
तर्ज – ये पैसा बोलता है।
ये माँ है बड़ी बलशाली,
इसकी है शान निराली,
पर्वत पर रहती मैया,
कहलाये पहाड़ों वाली,
करे माँ का धरती श्रंगार,
बहे चरणों में गंगाधार,
जमाना बोलता है,
जमाना बोलता है।।
जो माँ के दर पर आये,
जीवन को धन्य बनाये,
माता की कृपा से भक्तो,
सब पाप ताप मिट जाये,
भरे वरदानों से भंडार,
नहीं इनसा कोई दातार,
जमाना बोलता है,
जमाना बोलता है।।
चलो वैष्णव माता के द्वार,
वहाँ मिलता है माँ का प्यार,
जमाना बोलता है,
जमाना बोलता है,
इन्हें पूजे सारा संसार,
करे माँ सबका बेड़ा पार,
जमाना बोलता है,
जमाना बोलता है।।
– रचनाकार संगीतकार एवं गायक –
मनोज कुमार खरे।