छाया है गम का अँधियारा,
ना ही मंजिल ना ही किनारा,
हार के तुमको पुकारा,
हमे दे दो सहारा,
हमे दे दो सहारा।।
तर्ज – तेरा साथ है कितना प्यारा।
तेरे होते सांवरे,
क्यों दुःख पाऊँ मैं,
घट घट की तू जानता,
क्या समझाऊँ मैं,
सावन भादो जैसे बरसे,
इन अँखियो की धारा,
हमे दे दो सहारा,
हमे दे दो सहारा।
छाया है गम का अँधियारा,
ना ही मंजिल ना ही किनारा,
हार के तुमको पुकारा,
हमे दे दो सहारा,
हमे दे दो सहारा।।
हमने सुना है हारे का,
दिया है हरदम साथ,
कोई नहीं मेरा जग में,
अब तो पकड़ लो हाथ,
तेरे रहते रह जाऊँ क्यों,
मैं हारे का हारा,
हमे दे दो सहारा,
हमे दे दो सहारा।
छाया है गम का अँधियारा,
ना ही मंजिल ना ही किनारा,
हार के तुमको पुकारा,
हमे दे दो सहारा,
हमे दे दो सहारा।।
कितनी उम्मीदे लेकर,
आया द्वार तेरे,
श्याम कहे किरपा कर दो,
ओ ठाकुर मेरे,
जन्मो जन्म तक नहीं भूलूंगा,
ये उपकार तुम्हारा,
हमे दे दो सहारा,
हमे दे दो सहारा।
छाया है गम का अँधियारा,
ना ही मंजिल ना ही किनारा,
हार के तुमको पुकारा,
हमे दे दो सहारा,
हमे दे दो सहारा।।