गुरु मुरारी तने याद करे नर नार,
के दर्शन कब दिखलाओगे।।
हो मै थारे दर्शन का प्यासा,
पलट दो मेरे जीवन का पासा,
गुरु मुरारी मै हो लिया दुखी लाचार,
के दर्शन कब दिखलाओगे।।
समचाने में तेरा भवन बनाया,
बेड़ा तन्ने पार लगाया,
गुरु मुरारी कर मेरा भी बेड़ा पार,
के दर्शन कब दिखलाओगे।।
भगतो ने हैं टेर लगाई,
थारे दर्शन की आस जगाई,
गुरु मुरारी किया कौशिक का उद्धार,
मेरा भी कब करवाओगै,
के दर्शन कब दिखलाओगे।।
सरोज भगतनी न भवन सजाया,
सन्नी भगत सेवादार बताया,
गुरु मुरारी विकास करे गुणगान,
के दर्शन कब दिखलाओगे।।
गुरु मुरारी तने याद करे नर नार,
के दर्शन कब दिखलाओगे।।
लेखक / गायक:- विकास भारद्वाज।
९९१०२२९८२१