मरूधर धरती में गांव पिंपासर,
आया श्री नंदकुमार,
लोहट जी रे आंगणिये।।
आबे रे आड़गीयो छायी रे बादलीयां,
बादलीयां में चमके गेरी बीज,
लोहट जी रै आंगणिये।।
झिरमिर झिरमिर मेवला बरसे,
बरसे म्हारे पिंपासर रे खेत,
लोहट जी रे आंगणिये।।
उतर दिशा सुं उमड़ी बादलियां,
मोटुड़ी छांट्यां रो बरसे मेव,
लोहट जी रे आंगणिये।।
मोर बोल रै पपैया बोले,
कोयलियां करे किलोल,
लोहट जी रे आंगणिये।।
रवि सोढ़ा जम्भैश्वर मनावै,
निवण करै बारम्बार,
सगला मिल भगतां ने।।
मरूधर धरती में गांव पिंपासर,
आया श्री नंदकुमार,
लोहट जी रे आंगणिये।।
गायक – साखी सम्राट रवि सोढ़ा।
जैसलां जोधपुर। 7727991652
https://youtu.be/wgDFPXUXcks