अरे रे मेरे खाटू वाले श्याम,
मनै तो तेरी याद सतावे रे।।
फागुण मैं खाटू जी जइयो,
श्याम घणी नै जाय बतइयो,
ओ बाबा रोज जपूँ तेरा नाम,
मनै तो तेरी याद सातवे रै,
मनै तो तेरी याद सतावे रे।।
रो रो दूखण लागे रै नैना,
बिना श्याम मोहे चैन पड़ै ना,
मनै दुनिया दारी तै ना काम,
मनै तो तेरी याद सतावे रे।।
धन दौलत ना मांगू रै माया,
रोम रोम मैं श्याम समाया,
तेरे तै ना मांगे रै कदे दाम,
मनै तो तेरी याद सतावे रे।।
‘रामअवतार’ तेरा दास रहेगा,
तेरा सेवक खास रहेगा,
मैं तेरा करता रहूँ गुणगान,
मनै तो तेरी याद सतावे रे।।
अरे रे मेरे खाटू वाले श्याम,
मनै तो तेरी याद सतावे रे।।
गायक – रामअवतार जी शर्मा।
प्रेषक – भजन लाल वर्मा (गाजियाबाद)
9871208918