म्हारी माताजी बैठा बैठा,
पुर नगरी के माई,
मंदिर यो मां प्यारो लागे जी,
प्यारो लागे जी मंदिर यो,
मां प्यारो लागे जी,
म्हारा माता जी बैठा बैठा,
पुर नगरी के माई,
मंदिर यो मां प्यारो लागे जी।।
मारा माता जी चौसठ जोगणिया लार,
संग माई बावन भैरव लाओ,
ए भैरव लाओ ये संग माई,
बावन भैरव लाओ ये।।
मारा माताजी होई सिंह पर असवार,
जागण माय रमती आवो ये,
रमती आवो ये जागण में,
मैया रमती आवो ये।।
मारा माताजी हरिया मंगरा माई,
कोयल थारे प्यारी बोले वो,
प्यारी बोले वो कोयल थारे,
प्यारी बोले वो।।
मारा माताजी भगवत गावे द्वार,
चरणा में थारे अरज सुनावे ये,
अरज सुनाव ये मैया जी थारे,
धोख लगावे ये।।
म्हारी माताजी बैठा बैठा,
पुर नगरी के माई
मंदिर यो मां प्यारो लागे जी,
प्यारो लागे जी मंदिर यो,
मां प्यारो लागे जी,
म्हारा माता जी बैठा बैठा,
पुर नगरी के माई,
मंदिर यो मां प्यारो लागे जी।।
गायक – कैलाश मेवाड़ी।