चालो ज्वाला झाड़ी हे,
हे मां बिगड़े बणावै काम।।
नारियल चुंदड़ी मां की मंगाल्यो,
अगर धूप और ज्योत उठाल्यो,
हे दुर की करलयो गाड़ी हे,
हे मां बिगड़े बणावै काम।।
सुरग जिसा सै धाम मईया का,
रटते चालां हे नाम मईया का,
हे जागै किस्मत माड़ी हे,
हे मां बिगड़े बणावै काम।।
ओड़ै मात की हे फेरी लागै,
जौ के कण तै रोग सै भागै,
हे मां नै उढावां साड़ी हे,
हे मां बिगड़े बणावै काम।।
मां का जागरण होता पावै,
बन्टी गर्ग ओड़ै भजन सुणावै,
हे खुशी मैं बजावां ताड़ी हे,
हे मां बिगड़े बणावै काम।।
चालो ज्वाला झाड़ी हे,
हे मां बिगड़े बणावै काम।।
गायक / प्रेषक – बन्टी गर्ग।
9255581523
https://youtu.be/LWDcXdFf8wc