रामाधनी ओ म्हारा रामाधनी,
थारे रुणिचे दरबार म्हे तो,
आया म्हारा रामाधनी।।
भक्ता री भीड थारे दरबार आवे,
दुर देशा सु भगत पैदल ही आवे,
भक्ता री आस बाबा करदो पुरी,
भक्ता री आस बाबा करदो पुरी,
थारे रुणिचे दरबार म्हे तो,
आया म्हारा रामाधनी।।
रुणिचे में बाबा थारो मिंदर है भारी,
थाने मनावे सारा नर और नारी,
देवा रा देव बाबा परचा धारी,
देवा रा देव बाबा परचा धारी,
थारे रुणिचे दरबार म्हे तो,
आया म्हारा रामाधनी।।
कलयुग का बाबा देव कहावो,
रुणिचा वाला थे तो नाथ सुहावो,
दिनेश शर्मा की मन्नत करदो पुरी,
भक्तारी मन्नत बाबा करदो पुरी,
थारे रुणिचे दरबार म्हे तो,
आया म्हारा रामाधनी।।
रामाधनी ओ म्हारा रामाधनी,
थारे रुणिचे दरबार म्हे तो,
आया म्हारा रामाधनी।।
गीत एवं स्वर – दिनेश शर्मा।
9423427668