म्हारो बाबो रूणिचा,
भल आविया रे।
दोहा – धिन धणी धीन देवरों,
धना रूणिचा गांव,
लीले चढ़े ने आवजो,
रूणिचा रा श्याम।
काशी मथुरा सु मोहन,
आविया रे राम,
हे परसे परसे,
पिरजी कहवाविया रे,
म्हारो बाबो रूणिचा,
भल आविया रे,
राम देवजी,
रूणिचा भल आविया रे।।
आवे ने पिगे बाबो पोढिया रे राम,
माता मेनादे हुलरविया रे राम,
म्हारो बाबों रूणिचा,
भल आविया रे,
राम देवजी,
रूणिचा भल आविया रे।।
राकस मारे ने घर आविया रे राम,
माता मेनादे बढ़ाविया रे राम,
म्हारो बाबों रूणिचा,
भल आविया रे,
राम देवजी,
रूणिचा भल आविया रे।।
सरने आय पद पाविया रे राम,
पिथे रिखिया गुण गाविया रे राम,
म्हारो बाबों रूणिचा,
भल आविया रे,
राम देवजी,
रूणिचा भल आविया रे।।
गायक / प्रेषक – सिंगर मेघा बालाच।
देवपुरा जाजवा 9521749016