मन पवन दोय घोड़ी,
घोड़ी के पांच वसेरा,
पांचों री वाग मरोड़,
तेरा क्या लगेगा मोल,
क्या लगेगा मोल तेरा,
क्या लगेगा मोल,
साहेब साहेब बोल,
तेरा क्या लगेगा मोल।।
पांच कोष पर चलना,
हाथ पांव नही हिलना,
दशवे की खिड़की खोल,
तेरा क्या लगेगा मोल,
क्या लगेगा मोल तेरा,
क्या लगेगा मोल,
साहेब साहेब बोल,
तेरा क्या लगेगा मोल।।
माया है जग ठगनी,
कोई मत जाणो अपनी,
माया की गुलामी छोड़,
मनवा क्या लगेगा मोल,
क्या लगेगा मोल तेरा,
क्या लगेगा मोल,
साहेब साहेब बोल,
तेरा क्या लगेगा मोल।।
कबीर कहे समझावे,
गया वक्त नहीं आवे,
मन की आँख्या खोल,
मनवा क्या लगेगा मोल,
क्या लगेगा मोल तेरा,
क्या लगेगा मोल,
साहेब साहेब बोल,
तेरा क्या लगेगा मोल।।
मन पवन दोय घोड़ी,
घोड़ी के पांच वसेरा,
पांचों री वाग मरोड़,
तेरा क्या लगेगा मोल,
क्या लगेगा मोल तेरा,
क्या लगेगा मोल,
साहेब साहेब बोल,
तेरा क्या लगेगा मोल।।
गायक – बाबू साध खुडानी।
Upload By – Vikram Barmeri
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https://youtu.be/U50lvftL6sg