प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे आँगन में,
आज मोरे आँगन में,
आज मोरे आँगन में,
नाम रस बरस्यो री,
आज मोरे आँगन में।bd।
जाग गए सब सोए सपने,
सभी पराए हो गए अपने,
लगे प्रेम की माला जपने,
के अंग अंग हर्षयो री,
आज मोरे आँगन में,
नाम रस बरस्यो री,
आज मोरे आँगन में।bd।
धरती नाचे अंबर नाचा,
आज मेरा मन भी है नाचा,
मैं नाची जग सारा नाचा,
के मोहन दरस्यो री,
आज मोरे आँगन में,
नाम रस बरस्यो री,
आज मोरे आँगन में।bd।
ठुमक ठुमक मेरी पायल बाजे,
प्रेमी को तो प्रेम ही साजे,
अगल बगल मेरे श्याम बिराजे,
बहुत दिन तरस्यो री,
आज मोरे आँगन में,
नाम रस बरस्यो री,
आज मोरे आँगन में।bd।
प्रेम रस बरस्यो री,
आज मोरे आँगन में,
आज मोरे आँगन में,
आज मोरे आँगन में,
नाम रस बरस्यो री,
आज मोरे आँगन में।bd।
स्वर – बाबा श्री चित्र विचित्र जी महाराज।