बृज में हो रही जय जयकार,
नंद के लाला जायो है,
लाला जायो है,
नंद के लाला जायो है,
बृज में हों जय जयकार,
नंद के लाला जायो है।।
बृज चौरासी कोस में भैया,
सबही कहे धन्य यशोदा मैया,
अस्सी साल आयु में सुत,
ऐसो जायो है,
बृज में हों जय जयकार,
नंद के लाला जायो है।।
शिव ब्रह्मा सनकादिक आये,
सब ऋषिवर को संग में लाये,
देवऋषि सब मिलके ऐसो,
मंगल गायो है,
बृज में हों जय जयकार,
नंद के लाला जायो है।।
नंद यशोदा के भाग्य बढ़ाई,
सब ही लेने लगे बधाई,
ऐसो सुंदर सुत तो काहु,
और न जायो है,
बृज में हों जय जयकार,
नंद के लाला जायो है।।
बृज में हो रही जय जयकार,
नंद के लाला जायो है,
लाला जायो है,
नंद के लाला जायो है,
बृज में हों जय जयकार,
नंद के लाला जायो है।।
स्वर- संत श्री अमृतराम जी महाराज।
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