गुरुजी बिराजे रे म्हारा,
गुरुसा बिराजे रे,
झालर शंख नगाड़ा बाजे रे,
सूरसागर रामद्वारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे।।
जोधाणे रे शहर में,
सूरसागर है धाम,
सूरज सामी रामव्दारो है,
गुरुजी रो धाम,
ज्यारे संत चंवर ढोलावे रे,
सूरसागर रामव्दारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे,
गुरुजी बिराजे रे,
म्हारा गुरुसा बिराजे रे,
झालर शंख नगाड़ा बाजे रे,
सूरसागर रामव्दारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे।।
गुरू पूनम रो रामव्दारे,
मेलों लागे भारी,
दूर दूर सू आवे भक्तजन,
बालक ने नर नारी,
थारे जात जड़ोला चाढे़ रे,
सूरसागर रामव्दारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे,
गुरुजी बिराजे रे,
म्हारा गुरुसा बिराजे रे,
झालर शंख नगाड़ा बाजे रे,
सूरसागर रामव्दारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे।।
नारेला री गिनती कोनी,
कंठी माला अपार,
दर्शन सारु खड़ा भक्तजन,
बालक ने नर नार,
थारे मिसरी पतासा चाढे़ रे,
सूरसागर रामव्दारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे,
गुरुजी बिराजे रे,
म्हारा गुरुसा बिराजे रे,
झालर शंख नगाड़ा बाजे रे,
सूरसागर रामव्दारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे।।
रामव्दारे गुरु गादी रो,
धरो हमेशा ध्यान,
मोहन गुरू चरणा रो चाकर,
दो भक्ति वरदान,
गुरू गादी रा दर्शन पावा रे,
सूरसागर रामव्दारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे,
गुरुजी बिराजे रे,
म्हारा गुरुसा बिराजे रे,
झालर शंख नगाड़ा बाजे रे,
सूरसागर रामव्दारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे।।
गुरुजी बिराजे रे म्हारा,
गुरुसा बिराजे रे,
झालर शंख नगाड़ा बाजे रे,
सूरसागर रामद्वारा म्हारा,
गुरुजी बिराजे रे।।
स्वर- श्री प्रताप जी राव।
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